ये तो बाद मे पता चला कि अगर मै कुछ और दिन रूक जाता तो कितना अच्छा होता, २६ जुलाई की शाम को पास के ही एक शहर के भव्य एवं प्रख्यात अरेना मे 'मैकबेथ' का मञ्चन था, कनाडा से हमारे एक प्रिय मित्र यूरोप टूर पर आ रहे थे, कुछ ऑफिसियल काम भी थे जो २६ की सुबह तक हो जाने चाहिये थे, आते आते ये भी पता चला कि म्यूनिख से राज भाटिया जी भी दो सप्ताह के लिये इटली भ्रमण पर आ रहे हैं।
हमारी दिल्ली की उड़ान वाया हेलसिंकी थी जहाँ १४ घंटे का पर्याप्त समय था जिसमे हमारी हेलसिंकी देखने की इच्छा पूरी होने वाली थी। रोम से 7:40 शाम को चलकर 12:05 मध्य रात्रि को पहुंचना था, इसलिये हेलसिंकी के ओलम्पिक स्टेडियम मे स्थित स्टेडियन हॉस्टल आरक्षित करा लिया था।
हेलसिंकी के बारे सबसे पहले अपनी हिन्दी की सातवीं या आठवीं की किताब मे पढ़ा था, उसमे हेल सिंकी मे होने वाले हॉकी ओलम्पिक तथा वहाँ की भयानक ठन्ड का वर्णन था। भारत ने उस ओलम्पिक मे हॉकी का स्वर्ण पदक जीता था। हेलसिंकी, फ़िनलैन्ड की राजधानी है, यह देश पूर्वी यूरोप मे उत्तरी ध्रुव की तरफ़ स्थित है।
ये सूर्यास्त की तस्वीर रोम के लियोनार्दो दा विन्ची एयर पोर्ट (फ़िउमिचिनो) से टेक-ऑफ करते समय की है।
रोम से हेलसिंकी - Rome to Helsinki - II
8 comments:
ह्म्म, अच्छी तस्वीरें है मिश्रा जी,
शुक्रिया!
अमां कहाँ तुम्हरा इटली और किधर रहा हेलसिंकी और उल्टी साइड रहा दिल्ली। तुम तो भाईजी, अगर तुमको इटली से फ़्रान्स जाना हो तो शायद अफ़्रीकन एयरलाइन्स वाया जोहन्सबर्ग जाओगे...हीही..।
खैर चलो इसी बहाने फिनलैन्ड के दर्शन भी हो गए, वैसे तो कभी जाना ना हो उधर शायद। भारत मे स्वागत है, कभी वाया कुवैत भी उड़ो, हम भी इधर बैठे है पलकें बिछाए।
अमां कहाँ तुम्हरा इटली और किधर रहा हेलसिंकी और उल्टी साइड रहा दिल्ली। तुम तो भाईजी, अगर तुमको इटली से फ़्रान्स जाना हो तो शायद अफ़्रीकन एयरलाइन्स वाया जोहन्सबर्ग जाओगे...हीही..।
ही ही ही ही ही!! :D
जीतू तो अपने मन का किसी को घूमने भी न दे.हेलसिंकी से नोकिया का नया सेट ले लेते, वहीं बनता है तो शायद सस्ता मिलता हो. :)
-मस्त घूमिये, शुभकामनायें.
संजीत, धन्यवाद।
जीतू भाई, आप भी समझते नही हो, वो क्या है कि, अमित को किसी सांझ परी ने बता दिया था शायद कि फ़िनलैन्ड मे बहुत खूबसूरत कन्यायें भी होती हैं, हमने सोचा ऐसा है तो क्यों न जा के कनफ़र्म कर लिया जाय, जिससे आगे से जाने वालों को सहूलियत हो। इसीलिये अमित बस ही ही ही ही कर रहे हैं।
समीर जी आपकी बात सोलह आने सच्ची है, पर सोनी के सिवा हमें कोई जँचता नही हम क्या करें
आप सबका शुक्रिया।
तस्वीरें वाकई कमाल की हैं| क्या आपने मोबाइल कैमरे से तस्वीरें खींची हैं या फिर डिजिटल कैमरे से?
मेरे ब्लॉग :
khudikokarbulanditna.blogspot.com
mindisatool.blogspot.com
तस्वीरें वाकई कमाल की हैं|
नया हिन्दी ब्लोग
http://hindiduniyablog.blogspot.com/
तस्वीरें वाकई कमाल की हैं|
नया हिन्दी ब्लोग
hindiduniyablog.blogspot.com
Post a Comment