पिछले दिनों हिन्दी चिट्ठाकारों द्वारा गुगल एड्सेन्स से हुई कमाई पर कुछ उत्साहवर्धक समाचार आये थे, जैसे कि जीतू भाई ने घोषणा की थी कि उनको २०० डॉलर मिल गये हैं, और प्रमेन्द्र को ४५० डॉलर अब मिल भी गये होंगे। साथ ही हतोत्साहित करने वाला समाचार भी था कि हिन्दी चिट्ठों पर विज्ञापन दिखने बन्द हो गये हैं।
इसका असर मेरे ब्लॉग्स पर पड़ा और जुलाई महीने मे केवल २०.६७ डॉलर बने। पिछले साल से हर महीने जितनी कमाई हो रही थी उससे, हॉस्टिन्ग और डोमेन रजिस्ट्रेशन का खर्च आराम से निकल रहा था, बचत भी थी क्योकि इन्टरनेट मुफ़्त मे मिलता था।
यहाँ आने के बाद ४१.९२ यूरो प्रति माह का इन्टरनेट कनेक्शन लिया तो एक बारगी यही समझ आया कि इतने पैसे तो हर महीने बनने से रहे। इसलिये लेखन पर भी विराम लगा। १५ अगस्त आते आते अचानक हालात सुधरे और कमायी भी लेकिन जितने हिट्स हो रहे थे उसके हिसाब से आमदनी कम लग रही थी। यानी कि अब हिट्स को आमदनी मे तब्दील करने का वक्त आ गया लगा।
जुलाई-अगस्त के दौरान ही ब्लॉग्स की थीम बदली थी, उसका भी कुछ असर था, तो सोचा थोड़ी और कोशिश करते हैं। इस कोशिश मे ब्लॉगर वाले ब्लॉग के टेम्प्लेट मे एड्सेन्स के एकीकरण मे आमूल परिवर्तन लाना था और वर्ड्प्रेस वाले ब्लॉग के लिये एक समुचित थीम ढूंढनी थी। ब्लॉगर पर काम आसान रहा, लेकिन वर्ड्प्रेस पर थोड़ा मुश्किल क्योंकि, मनपसन्द थीम मे मनचाही जगह पर एड्सेन्स के कोड जोड़ने के बाद, फ़ायर फ़ाक्स और क्रोम पर तो अक्सर सब सही दिखता लेकिन इन्टरनेट एक्प्लोरर मे देखने पर मामला गड़बड़ा जाता था। IE Users का ध्यान रखना इसलिये भी जरूरी होता है कि अभी भी लगभग ८० प्रतिशत लोग इन्टरनेट एक्स्प्लोरर का प्रयोग करते हैं।
पिछले १०० डॉलर चूंकि अगस्त मे पूरे हुये थे इसलिये उसका भुगतान शायद कल तक आ जायेगा।
Adsense Optimization के बहुत अच्छे परिणाम आ रहे हैं, उसकी चर्चा अगली पोस्ट में।
4 comments:
क्या करना होगा इसके लिए कुछ विस्तार से समझाए ..शुक्रिया
इन्तजार करते हैं आपके अगले आलेख का...कुछ रहस्य से पर्दा हटाओ.
मेरा तो a/c ही approved नहीं होता
@ Pravin Dubey
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